जगदीश सरन हिन्दू स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा तथा महात्मा हंसराज मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में 'एनईपी ओरिएंटेशन एंड सेंसिटाइजेशन' विषय पर आठ दिवसीय मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से दिनांक 5 से 14 नवंबर तक किया जा रहा है| कार्यक्रम के प्रथम दिवस के संचालक डॉ. अनुराग कुमार पाण्डेय ने बताया कि इसमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, राजस्थान, झारखंड एवं उत्तराखंड से विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों से शिक्षक प्रतिभागी जुड़े हैं| इस दौरान महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो. वीर वीरेंद्र सिंह ने NEP की उपयोगिता को चिन्हित करते हुए बताया कि 2020 में लागू की गई यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्वयं में कई परिदृश्यों को सम्मिलित करते हुए बहुआयामी एवं समग्र प्रकृति की धारक है| उन्होंने बताया कि लगभग 10 हजार विद्यार्थियों की संख्या वाला महाविद्यालय होने के कारण तथा उचित शिक्षक अनुपात का न होना इस शिक्षा नीति के लिए एक अनिवार्य चुनौती है| प्रथम दिवस में प्रो. मंसफ़ आलम तथा प्रो. अंजला कल्सी के रूप में दो वक्ताओं का बौद्धिक सानिध्य प्राप्त हुआ| प्रो. मंसफ़ आलम ने शिक्षा के विभिन्न चरणों, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, ई-लर्निंग एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे गूढ़ विषयों पर चर्चा की| दूसरी वक्ता प्रो. अंजला कल्सी ने साहित्यिक समीक्षा के संरचनात्मक प्रारूपों पर विमर्श प्रस्तुत किया| कार्यक्रम के दूसरे दिवस का संचालन श्री तीर्थराज सिंह द्वारा किया गया| वक्ता के रूप में डॉ. देबजनी रॉय तथा डॉ. शालिनी चोथरानी का स्वागत किया गया| डॉ. देबजनी रॉय ने प्राचीन शिक्षा एवं वर्तमान शिक्षा को स्पष्ट करते हुए नेशनल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क पर विमर्श प्रस्तुत किया| दूसरी वक्ता डॉ. शालिनी चोथरानी ने अकादमिक नेतृत्व संबंधी गुणों पर प्रकाश डालते हुए एक अच्छे शिक्षक की भूमिका को रेखांकित किया| इस दौरान डॉ. अनुराग कुमार पाण्डेय, श्री सत्य प्रकाश परमार, डॉ. सचिन कुमार, श्री अरविंद कुमार यादव एवं श्री तीर्थराज सिंह उपस्थित रहे| जगदीश सरन हिन्दू स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा तथा महात्मा हंसराज मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में 'एनईपी ओरिएंटेशन एंड सेंसिटाइजेशन' विषय पर आठ दिवसीय मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से दिनांक 5 से 14 नवंबर तक किया जा रहा है| कार्यक्रम के तीसरे दिवस का संचालन श्री अरविंद कुमार यादव द्वारा किया गया| वक्ता के रूप में डॉ. देबजनी रॉय, डॉ. शालिनी चोथरानी तथा प्रो. विमल रार का बौद्धिक सानिध्य प्राप्त हुआ| डॉ. देबजनी रॉय ने समग्र एवं बहुविषयक शिक्षा के विमर्श को प्रस्तुत करते हुए वैयक्तिक विकास व नैतिकता पर चर्चा की| वे आगे बताती हैं कि समाज के बेहतर भविष्य व उन्नयन के लिए छात्रों में नैतिकता एवं मूल्यों का उचित समावेशन नितांत आवश्यक है| दूसरी वक्ता डॉ. शालिनी चोथरानी ने नीति-नियोजन संबंधी दिशानिर्देश के नियोजन व व्यवस्थापन पर अपने विचारों को साझा किया| उन्होंने बताया कि राजनेता तथा प्रशासन के मध्य सेतु का कार्य नियामक संस्थाएं करती हैं| तीसरी वक्ता प्रो. विमल रार ने शिक्षण पद्धति पर अपने विचारों को रखते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ से सहयोगात्मक शिक्षा के महत्व को चिन्हित किया| साथ ही आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान विधियाँ शिक्षण की नवीन तकनीकों पर परिचर्चा किया| इस दौरान महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो. वीर वीरेंद्र सिंह, डॉ. अनुराग कुमार पाण्डेय, श्री सत्य प्रकाश परमार, डॉ. सचिन कुमार, श्री अरविंद कुमार यादव एवं श्री तीर्थराज सिंह उपस्थित रहे| जगदीश सरन हिन्दू स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा तथा महात्मा हंसराज मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में 'एनईपी ओरिएंटेशन एंड सेंसिटाइजेशन' विषय पर आठ दिवसीय मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से दिनांक 5 से 14 नवंबर तक किया जा रहा है| कार्यक्रम के चौथै दिवस का संचालन डॉ. सचिन कुमार द्वारा किया गया| आज की प्रमुख वक्ता के रूप में प्रो. शिवानी शर्मा को आमंत्रित किया गया| प्रो. शर्मा ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर अपने विचारों को रखते हुए बताया कि भारतीय परंपरा आत्मसातीकरण के प्रक्रिया की संवाहक है| ब्रह्मगुप्त, भास्कर द्वितीय, नालंदा विश्वविद्यालय के महत्व को रेखांकित करते हुए भारतीय पहचान व अस्मिता की समृद्धता को बनाए रखने की आवश्यकता है| स्थानीय व क्षेत्रीय भाषा, पदों एवं अनुष्ठानों में भारतीय परंपरा तथा ज्ञान रचा-बसा हुआ है| इस दौरान महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो. वीर वीरेंद्र सिंह, डॉ. अनुराग कुमार पाण्डेय, श्री सत्य प्रकाश परमार, डॉ. सचिन कुमार, श्री अरविंद कुमार यादव एवं श्री तीर्थराज सिंह उपस्थित रहे| जगदीश सरन हिन्दू स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा तथा महात्मा हंसराज मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में 'एनईपी ओरिएंटेशन एंड सेंसिटाइजेशन' विषय पर आठ दिवसीय मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से दिनांक 5 से 14 नवंबर तक किया जा रहा है| कार्यक्रम के पाँचवे दिवस का संचालन डॉ. सत्य प्रकाश परमार द्वारा किया गया| आज के प्रमुख वक्ता के रूप में प्रो. मंसफ़ आलम एवं प्रो. शिवानी शर्मा को आमंत्रित किया गया| प्रथम वक्ता प्रो. मंसफ़ आलम ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के गूगल डॉक, विडनोज, स्पिचिफाई, एआई वीडियो जनरेटर, ओपन एआई, ईजी जनरेटर जैसे उदाहरणों को स्पष्ट करते हुए शिक्षण में तकनीकी परिवर्तनों के विमर्श को रखा| साथ ही शिक्षण कौशलों व नवाचारी विकास तथा उत्पादकता के संवर्धन हेतु सूचना एवं संचार तकनीकी के महत्व पर प्रकाश डाला| दूसरी वक्ता प्रो. शिवानी शर्मा ने मानव जिज्ञासा की प्रकृति के आलोक से गुण, न्यायपरायणता, नैतिकता व मूल्य आदि पर चर्चा प्रस्तुत की| भारतीय दर्शन पर विचारों को आगे बढ़ाते हुए प्रो. शर्मा ने ज्ञानमीमांसा, मूल्यमीमांसा एवं तत्वमीमांसा पर गहन परिचर्चा प्रतुत किया| इस दौरान महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो. वीर वीरेंद्र सिंह, डॉ. नवनीत कुमार, डॉ. आभा सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. रश्मि गुप्ता, डॉ. हिमांशु शर्मा, डॉ. राजकिशोर, डॉ. अनुराग कुमार पाण्डेय, डॉ. सचिन कुमार, डॉ. अरविंद कुमार यादव, डॉ. तीर्थराज सिंह, डॉ. मोहित शर्मा एवं डॉ. शिवमगन आदि उपस्थित रहे| जगदीश सरन हिन्दू स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा तथा महात्मा हंसराज मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में 'एनईपी ओरिएंटेशन एंड सेंसिटाइजेशन' विषय पर आठ दिवसीय मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से दिनांक 5 से 14 नवंबर तक किया जा रहा है| कार्यक्रम के छठवें दिवस का संचालन डॉ. शिव मगन द्वारा किया गया| आज की प्रमुख वक्ता प्रो. अंजला कल्सी ने शोध एवं विकास के विमर्श को केंद्र में रखते हुए शोध परिकल्पना के महत्व को बताया| आपने बताया कि गुणात्मक शोध में परिकल्पना का निरूपण आवश्यक नहीं होता है, जबकि मात्रात्मक शोध में यह अनिवार्य होती है| साथ ही आयोजक टीम द्वारा ऑनलाइन मूल्यांकन किया गया, जिसके लिए गूगल फॉर्म के माध्यम से प्रश्नों को सभी प्रतिभागियों तक उपलब्ध कराया गया| बताते चलें कि इस मूल्यांकन में उत्तीर्ण होना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान करना संभव नहीं है| इस दौरान महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो. वीर वीरेंद्र सिंह, डॉ. नवनीत कुमार, डॉ. आभा सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. रश्मि गुप्ता, डॉ. हिमांशु शर्मा, डॉ. राजकिशोर, डॉ. अनुराग कुमार पाण्डेय, डॉ. सत्य प्रकाश परमार, डॉ. सचिन कुमार, डॉ. अरविंद कुमार यादव एवं डॉ. तीर्थराज सिंह आदि उपस्थित रहे| 'एनईपी ओरिएंटेशन एंड सेंसिटाइजेशन' विषय पर आयोजित मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के सातवें दिवस का संचालन डॉ. सचिन कुमार द्वारा किया गया| बताते चलें कि जगदीश सरन हिन्दू स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा तथा महात्मा हंसराज मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में आठ दिवसीय मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है| आज की प्रमुख वक्ता के रूप में प्रो. अमिता दत्त का बौद्धिक सानिध्य रहा| प्रो. दत्त ने कौशल विकास पर व्याख्यान को केंद्रित रखते हुए नेतृत्व कौशल, संगठनात्मक कौशल, जीवन कौशल, संचार कौशल सहित कौशल के विभिन्न पक्षों पर विमर्श प्रस्तुत किया| आपने विविध प्रकार के अभिनयों पर चर्चा की, जिसमें आंगिक, वाचिक, आहार्य, सात्विक प्रमुख हैं| आपने बताया कि कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं, जो अंतर्वस्तु एवं ज्ञान को शीघ्र ही ग्रहण कर लेते हैं, जबकि कुछ ऐसे विद्यार्थी होते हैं जिन्हें विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता रहती है| यह शिक्षक का नैतिक उत्तरदायित्व है कि वह विद्यार्थी के कौशल विकास में आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करे| इस दौरान महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो. वीर वीरेंद्र सिंह, डॉ. नवनीत कुमार, डॉ. आभा सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. रश्मि गुप्ता, डॉ. हिमांशु शर्मा, डॉ. राजकिशोर, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. अनुराग कुमार पाण्डेय, डॉ. सत्य प्रकाश परमार, डॉ. अरविंद कुमार यादव एवं डॉ. तीर्थराज सिंह आदि उपस्थित रहे| 'एनईपी ओरिएंटेशन एंड सेंसिटाइजेशन' विषय पर आयोजित मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के आठवें दिवस का संचालन डॉ. तीर्थराज सिंह द्वारा किया गया| बताते चलें कि जगदीश सरन हिन्दू स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा तथा महात्मा हंसराज मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में नौ दिवसीय मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है| आज की प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ. भावना शर्मा का बौद्धिक सानिध्य रहा| डॉ. शर्मा ने विद्यार्थी विविधता एवं समावेशी शिक्षा विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया| आपने बताया कि बौद्धिक क्षमता के विकास के लिए शिक्षा अत्यंत आवश्यक होती है| इसी क्रम में आपने विविध प्रकार के शिक्षण सिद्धांतों पर भी प्रकाश डाला| इस दौरान महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो. वीर वीरेंद्र सिंह, डॉ. नवनीत कुमार, डॉ. आभा सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. रश्मि गुप्ता, डॉ. हिमांशु शर्मा, डॉ. राजकिशोर, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. अनुराग कुमार पाण्डेय, डॉ. सत्य प्रकाश परमार, डॉ. अरविंद कुमार यादव एवं डॉ. तीर्थराज सिंह आदि उपस्थित रहे| 'एनईपी ओरिएंटेशन एंड सेंसिटाइजेशन' विषय पर आयोजित मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दसवें दिवस का संचालन डॉ. सचिन कुमार द्वारा किया गया| बताते चलें कि जगदीश सरन हिन्दू स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा तथा महात्मा हंसराज मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर, हंसराज कॉलेज, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में दस दिवसीय मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया जा रहा है| आज के प्रमुख वक्ता प्रो. ए. के बक्शी रहे| डॉ. बक्शी ने उच्चतर शिक्षा एवं समाज विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया| आपने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर चर्चा करते हुए बताया कि शिक्षक के लिए यह एक चुनौती है कि वह अपने विद्यार्थियों को किस प्रकार से शिक्षित करे| इसी क्रम में आपने संपोषीय विकास पर भी प्रकाश डाला| साथ ही आयोजक टीम द्वारा दूसरी बार ऑनलाइन मूल्यांकन किया गया, जिसके लिए गूगल फॉर्म के माध्यम से प्रश्नों को सभी प्रतिभागियों तक उपलब्ध कराया गया| बताते चलें कि दोनों मूल्यांकनों में उत्तीर्ण होना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान करना संभव नहीं है| अंत में प्रतिभागियों से फीडबैक लिया गया, ताकि भविष्य में होने वाले कार्यक्रमों को बेहतर स्वरूप प्रदान किया जा सके| इस दौरान महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो. वीर वीरेंद्र सिंह, डॉ. नवनीत कुमार, डॉ. आभा सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. रश्मि गुप्ता, डॉ. हिमांशु शर्मा, डॉ. राजकिशोर, डॉ. अनुराग कुमार पाण्डेय, डॉ. सत्य प्रकाश परमार, डॉ. अरविंद कुमार यादव एवं डॉ. तीर्थराज सिंह आदि उपस्थित रहे|